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राजस्थान की महत्वपूर्ण बावड़िया

  राजस्थान मे बावड़ी से संबन्धित सम्पूर्ण जानकारी

 

 
आभानेरी चाँद बावड़ी दोसा 

राजस्थान मे बावड़ियों से प्रस्न आते हैं , वैसे तो अनेक बावड़िया है मगर यहाँ हम ,प्रसिद्ध बावड़ियों  से ओर परीक्षा मे आए प्रश्न भी है 

राजस्थान मे बावड़ी के कथन 

बावड़ी - एक एसा जल का जलाशय जिसके अंदर पहुचने के लिए सीढ़िया लगी होती है उसे बावड़ी कहते । 

निर्माण - भारत मे बावड़ी बनाने की शुरुबाट एक जाती के द्वारा मनी जाती है जिसका नाम है शिथियन । 

भारत की बात करे तो बावड़ी बनाने के प्रसिध्द कलाकार राजस्थान के भिनमाल जालोर मे पाये जाते है । 

राजस्थान मे बावड़ियों का शहर बूंदी जिले को कहते है । 

राजस्थान के शेखावती क्षेत्र मे कलात्मक बावड़ी पाई जाती है । 

बावड़ी के वास्तुकार को कागरियों कहते है ।

अपराजित पृच्छा ग्रंथ मे बावड़ी चार प्रकार जी बताई गई है । 

राजस्थान की महत्वपूर्ण बावड़िया 


लोहिनी बावड़ी - 

यह बावड़ी बसंत गर सिरोही मे है । इसका  निर्माण विग्रहराज ॥ की पत्नी  ने कराया जो राजस्थान की सबसे प्राचीन बावड़ी  है । इसे ही सपनों की बावड़ी कहते है । 

चाँद बावड़ी -  

यह अभनेरी डोसा मे है । इसका निर्माण  गुर्जर प्रतिहर शासक राज छन ने कराया था , यह विसवा किसबसे गहरी बावड़ी है ।  

इसे राजस्थान की तिलिस्मी बावड़ी कहते है  इसकी आकृति तारे के समान है । इसलिए इसे तरवाली बावड़ी कहते है 


चाँद बावड़ी - 
 

यह  बावड़ी जोधपुर मे इसका निर्माण मे  राजा राव जोधा की पत्नी चाँद कवर ने कराया , इसे छोहन बावड़ी भी कहते है 

रानी की बावड़ी - 

इसका निर्माण रानी लड्कवर नाथवाती ने कराया इस बावड़ी को बावड़ियों का सिर्म्होर कहते है 

नवलखा बावड़ी - 

इसका निर्माण 1602 मे असकरन की पत्नी प्राइमल देवी ने कराया यह डूंगर पुर जिले मे है ।  इस बावड़ी के किनारे शिव पार्वती की प्रतिमा है । 

बूंदी की बावड़िया -  

श्याम , तुला ,रानी ,साहू , रंडी , मेघदूत , चिश्तीया , नादरघुस , मेघदूत , आदि है 

अन्य बावड़िया - 

नीमराना बावड़ी अलवर 

एक चट्टान बावड़ी मंडोर जोधपुर 

हाड़ी रानी बावड़ी टोंक 

हराम खोर बावड़ी चित्तौड़ गड 

चमना बावड़ी भीलवाडा 

गोल बावड़ी भरतपुर 

पाताल तोड़ बावड़ी धोलपुर  

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